दरअसल सरकार नहीं चाहती कि दिल्ली हिंसा पर तुरंत चर्चा के दौरान कोई भी पक्ष ऐसा कोई बयान दे जिससे नियंत्रित माहौल फिर से गर्म हो जाए।
नई दिल्ली / ब्यूरो, संसद के दोनों सदनों में विपक्ष और सरकार के रुख को देखते हुए होली तक इसके सुचारू रूप से चलने के आसार नहीं है। दिल्ली हिंसा को लेकर लगातार तीसरे दिन दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित रही। हंगामे के बीच ही लोकसभा में सरकार ने अपना अहम विधेयक विवाद से विश्वास से पारित तो करा लिया लेकिन हंगामा बरकरार है।
दिल्ली हिंसा पर होली के बाद चर्चा, विपक्ष चाहता तत्काल बहस
दिल्ली हिंसा पर होली के बाद चर्चा कराए जाने के सरकार के अपने तर्क हैं। दरअसल सरकार नहीं चाहती कि चर्चा के दौरान कोई भी पक्ष ऐसा कोई बयान दे जिससे नियंत्रित माहौल फिर से गर्म हो जाए। होली का वक्त ऐसा होता है भीड़ भी एकत्रित होती है, लेकिन विपक्ष की मांग है कि चर्चा तत्काल शुरू हो।
11 मार्च को लोकसभा में और 12 मार्च को राज्यसभा में होगी दिल्ली हिंसा पर चर्चा
विवाद से विश्वास विधेयक पारित
इस बीच सरकार ने विवाद से विश्वास विधेयक को पारित करा लिया। बाद में विपक्ष ने इस पर भी आपत्ति खड़ी की और सरकार के तरीके को गलत बताया। राज्यसभा में भी हंगामे की कुछ ऐसी ही स्थिति रही। हालांकि वहां सभापति एम वैंकेया नायडू ने हंगामे को देख पहले तो विपक्ष सदस्यों को समझाने की कोशिश की, लेकिन जब वह नहीं माने, तो उन्होंने एक बार में ही सदन की कार्यवाही को पूरे दिन भर के लिए स्थगित कर दिया।